अनधिकृत कॉलोनियों पर छिड़ा सियासी संग्राम, जारी है दावों का दौर

 


अनधिकृत कॉलोनियों पर छिड़ा सियासी संग्राम, जारी है दावों का दौर


लोकसभा से पास अनधिकृत कॉलोनियों से जुड़े विधेयक पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया है। केजरीवाल के मुताबिक, दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को कानून नहीं, हाथ में रजिस्ट्री चाहिए। साथ ही दावा किया कि केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने पर दिल्ली सरकार 15 दिन में सभी लोगों को रजिस्ट्री दे देगी। 


 

दिल्ली सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीते तीन दशक से अनधिकृत कॉलोनी के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। हर चुनाव से पहले पार्टियां कॉलोनियों को नियमित करने की बात करती हैं, लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद वह लोगों को अगले चुनाव तक इंतजार करने की नसीहत देती हैं। 

केजरीवाल ने कहा कि इससे दिल्ली के लोगों का इस प्रक्रिया से भरोसा उठ गया है। चुनाव से पहले संसद में पेश किए बिल को लोग इस बार भी छलावा मानते हैं। केजरीवाल ने कहा कि लोगों को रजिस्ट्री मिलन के बाद ही यकीन होगा कि उनकी कॉलोनी पक्की हो गई है।

नीयत होती ठीक तो छह महीने पहले शुरू करते प्रक्रिया
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने की प्रक्रिया केंद्र सरकार ने चुनाव से 6 माह पहले क्यों शुरू नहीं की। आखिरी वक्त में एलान में वह क्या साबित करना चाहती है। जबकि दिल्ली सरकार ने नवंबर 2015 में ही अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने की सारी प्रक्रिया पूरी कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया था। अगर नीयत साफ होती तो कम से कम छह महीने पहले इस पर काम शुरू हो सकता था।